Aayudh Singh
यह राष्ट्र विभिन्न सांस्कृतियों का संगम है, जो समूचे विश्व मे अपनी एक अलग पहचान रखता है।जब हम राष्ट्र की बात करते है तो यह जमीन का टुकड़ा मात्र नहीं है, राष्ट्र राजनीतिक इकाई मात्र भी नहीं है।राष्ट्र लम्बे प्रयासों, त्याग और निष्ठा का चरम बिंदु होता है। शौर्य वीरता से युक्त अतीत,महान पुरुषों के नाम गौरव यह वह पूंजी है जिस पर एक राष्ट्रीय विचार आधारित होता हैं। अलग देश राज्य और नगर बनाये जा सकते है पर राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता है।राष्ट्र की परिभाषा पूरी करने के लिए भौतिक ओर राजनैतिक एकीकरण के अलावा मानसिक और भावनात्मक लगाव अनिवार्य है। राष्ट्र के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है’एकता’। संगठन ही सभी शक्तियों की जड़ है ,एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों के निर्माण हुआ है,प्रत्येक वर्ग म एकता के बिना देश कदापि उन्नति नही कर सकता।
भारत विविधताओं का देश है। यहां भिन्न भिन्न संस्कृति, धर्म, पंथ ,सम्प्रदाय क्षेत्र और भाषा के लोग रहते है। इतनी भिनताओं के बाद भी हम आज भी एक राष्ट्र के रूप मे अपना अस्तित्व कायम रखने में सफल हुए है।लेकिन जातिवाद,भाषावाद, क्षेत्रवाद,और साम्प्रदायिक कट्टरपंत हमारी राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता को बनाये रखने में बाधक है।इन सभी चुनोतियों का सामना करने के लिए हमे व्यक्तिगत इकाई के रूप म प्रयास करने होंगे।
इस देश को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए,राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को अक्षन्नु बनाये रखने के लिए मैं आयुध सिंह अपनी आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा।